Wednesday, 9 September 2020

4 लाइन वाली शायरी | Best Sher ever (Diwan E Satyam)

 

वो रहे खुदा सलामत एहसान इतना कर दे
दूर से ही सही दीदार का इंतज़ाम कर दे
तू डाल दे ज़माने की खुशियां उनके दामन में
बस सारे रंजो-ग़म एक मेरे नाम कर दे
 
फिज़ूल ही झुकाए कोई नज़रों को अपनी
अनोखा अंदाज़ झलक ही जाता है
कितना ही संभाले कोई जवानी का जाम
मोहब्बत का कतरा छलक ही जाता है
 
तेरी सूरत हमने पलकों में छुपा रखी है
बीती हर बात दिल में दबा रखी है
तू नहीं शामिल मेरी ज़िंदगी में तो क्या
तेरी याद आज भी सीने से लगा रखी है
 
कईं बहारें आई आकर चली गई
मेरे दिल के आंगन में कोई गुल नहीं खिला
हाले-दिल सुना सकता मैं जिसके सामने
मुझको पहले आप-सा बस दोस्त नहीं मिला
 
मैं ज़िंदगी में थक के चूर हो गया हूं
हालात के हाथों मजबूर हो गया हूं
एक ख्वाहिश थी तेरे नज़दीक आने की
पर किस्मत से बहुत दूर हो गया हूं
 
थामा है मेरा हाथ तो छोड़ ना देना
रास्ता दिखा के प्यार का मुंह मोड़ना लेना
तुम्हें देखता हूं मैं जिसमें सुबह-शाम
मेरे विश्वास के आईने को तोड़ ना देना
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वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/ceDMkPYDfhg

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