Tuesday, 8 October 2024

समंदर से भी यार यारी रखा करो (Ghazal)


समंदर से भी यार यारी रखा करो
या उस पार जाने की कोई तैयारी रखा करो

घर जाओ तो आईना जरूर देखना
अपनी भी थोड़ी जिम्मेदारी रखा करो

संभलकर उडो आसमानों की ऊंचाई पर
श्येन से भी अपनी पहरेदारी रखा करो

पेड़ लगाए हैं तो पत्थरबाज़ों से रहो होशियार
कच्चे फलों पे भी थोड़ी निगरानी रखा करो

हमें यह पता चला तो चला के वो बेवफा है
आईने तुम ना इस कदर जी भारी रखा करो

घर के अंदर दग़ाबाज़ भी दुश्मन से काम नहीं
चिरागों पे अपने रोशनी बहुत सारी रखा करो


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