Friday, 14 August 2020

PM बदलने वाला है - कविता



सवेरा होने वाला है, पीएम बदलने वाला है
छुपता सूरज खुशहाली का, निकलने वाला है

हाथी फिर जाएंगे रण में
हाथ उठेंगे सहारे को
बहुत जल्द इस दौर का मंजर,
बदलने वाला है

सवेरा होने वाला है .................…............

जो फैला आसमां दूर तक
इंसानियत भी नीली होगी
कर्ता-धर्ता, विधाता भारत के हम
भाग्य संवरने वाला है

सवेरा होने वाला है .................…............

इस तपते सफर के बाद
ठंडी रात का मौसम होगा
वहशीयाना यह सफेद रेगिस्तां,
गुजरने वाला है

सवेरा होने वाला है .................…............

अर्शोफर्श सब नीला होगा
हाथों में संविधान लिए
ये कारवां हर घर से
निकलने वाला है

सवेरा होने वाला है .................…............

1 comment:

  1. Our constantly conspiring enemy is not going to let our dream come true. Yet we should strive hard unitedly. Hope for the best.

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