Saturday, 12 September 2020

10 शेर | Best Sher ever from Diwan E Satyam



हर कोई रखता है ख़्वाहिश एक बार उनको देखकर
खुदा करे बार-बार अब उनकी दीद हो

तमाम कोशिशें बेकार ही रही संभल पाने की
जब डूब गए हम तेरी आंखों की गहराई में

शायद मेरी हसीना मेरे सामने खड़ी है
इक मौलवी ने कहा था वो मगरूर बड़ी होगी

मुद्दत हुई उनके पहलू से जुदाई मेरी
एक ज़माना था निग़ाह भरकर देखा किए

ग़र होती ख़्वाबों पे हुकूमत अपनी
तो हर शब तेरा दीदार मैं करता

नादां भी बड़ी-बड़ी चीज़ चुरा लेते हैं
दिल के साथ-साथ नींद उड़ा लेते है

हमने ही ना चाहा हासिल तुझे करना
वरना दिल में ठान लेने से क्या कुछ नहीं होता

मानकर उसकी बात मैं दूर चला आया
पर तजुर्बा नहीं ज़रा ख़्वाहिशों को मिटाने का

मेरे दुश्मन ही नहीं एक मुझको ग़म देते हैं
अब तो इनमें सितमग़र तेरा नाम भी आने लगा

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वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/0GVkSM2JSLw

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