शूद्र समाज के भटके लोग!

1) अगर बाबा साहब स्वार्थी होते तो जातिवाद ऊंच-नीच तथा गुलामी के डर से भारतीय नागरिकता को छोड़कर अमेरिकी या अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर लेते और वहां आराम से जिंदगी गुजारते, किंतु पढ़ाई करने के बाद वे फिर से भारत आए और लोगों का दर्द देखा तथा उनके लिए आंदोलन चलाएं और उन्हें गुलामी से आजाद कराया जिससे आज हम लोग स्वतंत्र हैं। उन्होंने हमें वोट का अधिकार दिया और आज इसी वोट की ताकत से हम अपना नेता चुन सकते हैं 2) आज हमारे लोग लालच मे अपने ही स्वार्थ के बारे में सोच रहे हैं दिल्ली जैसे छोटे राज्य को छोड़कर अन्य प्रदेशों में हमारे जो लोगों की स्थिति है उस विषय में बिल्कुल भी विचार नहीं कर रहे। यह लोग बखूबी जानते हैं कि छोटी-छोटी सरकारे अन्य प्रदेशों में हमारे लोगों की सहायता नहीं कर सकती। 3) मैं ₹200-300 की फ्री बिजली व पानी के लालच में अपने समाज के साथ गद्दारी नहीं करूंगा। सरकार शराब के ठेके बंद कर सकती है जहां जाकर हमारे लोग ₹500 से ज्यादा की तो 1 दिन में शराब पीकर खर्च कर देते हैं। 4) दिल्ली एक छोटा सा राज्य है जो उत्तर प्रदेश से 164 गुना छोटा है। दिल्ली में रह रहे हमारे समाज के ...