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Sunday, 6 September 2020

चार लाइन वाली शायरी | Chaar Line wali Shayari | Best Sher ever (Diwan E Satyam)




ए इलाही मुझपे इतना तो करम कर
ना दे सज़ा बेजुर्म बेबस पे रहम कर ।
फक़त प्यार में डूबा हूं कोई गुनाह नहीं
है नाम तेरा ही दूजा इतनी तो शरम कर ।।

नामुमकिन सपने झूठा उनका प्यार दिया
धोखा खाया जो उन पर ऐतबार किया ।
तू जानता था ए खुदा वो मेरी किस्मत में नहीं
फिर क्यों मजाक ऐसा मेरे साथ किया ।।

हवा को रुख मौसम को रंग बदलते देखा
चूर दिल को शोलें सा जलता देखा ।
गिर जाता है जो इक बार इश्क की राह में
नहीं फिर उसको 'सत्यं' सम्भलते देखा ।।

प्यार का एहसास खुद में विश्वास
दर्द दिल में क्यों उनका दिया ।
तू जानता था खुदा वो मेरी किस्मत में नहीं
फिर क्यों मज़ाक ऐसा मेरे साथ किया ।।

हर तरफ फिज़ा में तेरा नाम लिखा है
मेरे लिए मोहब्बत का पैगाम लिखा है ।
मिटा ना देना ये गुज़ारिश है दोस्त
मैंने दिल के हर कोने में तेरा नाम लिखा है ।।

हर तमन्ना मेरी मचलती है
बातें साया बनकर चलती है ।
सुलगता है दिल मेरा घनी ज़ोर से
जब तेरी यादों की हवा चलती है ।।

ए खुदा ये हसरत मेरी साकार तू कर दे
उनके दिल में मेरी तड़प का एहसास तू कर दे।
जल उठे उनका दिल भी याद में मेरी
इस कदर कोई करामात तू कर दे ।।

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वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/MU0Kf9DxwJk

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