चल ले चल हाथ पकड़ कर मुझको दर खुदा के
काफि़र था मैं जो बेखुदी में सज़दा उसे किया
हर ख़्वाहिश मेरी दिल में ही पलती रही
हर रोज़ ज़िदगी भी बस उम्मीद पे चलती रही
मत पूछ मेरी दास्तां ए ग़म मुझसे
मैं बेवजह किसी के आंसू गिराना नहीं चाहता
कई शाम हमने चरागों को देखा है देर तक
कभी टिमटिमाते हुए कभी मुस्कुराते हुए
जिंदगी है कांटो की राह फूल भी मिल सकते हैं कहीं
चलता जा-चलता जा दिल में यही आश लिए
मालूम है घर की दहलीज़ उन्हें लेकिन
ज़िद पे अड़े हैं कोई उनको पुकार ले
कल रात तेरी याद ने कुछ इस कदर सताया
के आज सुबह हम देर तक सोए
मैं बेवजह किसी के आंसू गिराना नहीं चाहता
कई शाम हमने चरागों को देखा है देर तक
कभी टिमटिमाते हुए कभी मुस्कुराते हुए
जिंदगी है कांटो की राह फूल भी मिल सकते हैं कहीं
चलता जा-चलता जा दिल में यही आश लिए
मालूम है घर की दहलीज़ उन्हें लेकिन
ज़िद पे अड़े हैं कोई उनको पुकार ले
कल रात तेरी याद ने कुछ इस कदर सताया
के आज सुबह हम देर तक सोए
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वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :
https://youtu.be/cLf3GQPHEz8
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