उनकी शायरी | Unki Shayari | Best Sher ever from Diwan E Satyam




चल ले चल हाथ पकड़ कर मुझको दर खुदा के
काफि़र था मैं जो बेखुदी में सज़दा उसे किया

हर ख़्वाहिश मेरी दिल में ही पलती रही
हर रोज़ ज़िदगी भी बस उम्मीद पे चलती रही

मत पूछ मेरी दास्तां ए ग़म मुझसे
मैं बेवजह किसी के आंसू गिराना नहीं चाहता

कई शाम हमने चरागों को देखा है देर तक
कभी टिमटिमाते हुए कभी मुस्कुराते हुए

जिंदगी है कांटो की राह फूल भी मिल सकते हैं कहीं
चलता जा-चलता जा दिल में यही आश लिए

मालूम है घर की दहलीज़ उन्हें लेकिन
ज़िद पे अड़े हैं कोई उनको पुकार ले

कल रात तेरी याद ने कुछ इस कदर सताया
के आज सुबह हम देर तक सोए

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वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/cLf3GQPHEz8

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