ये सोचकर वो इक दिन रू-ब-रू होंगे
आंखें आंखों-आंखों में आंखों से मिलने लगी
आंखों से शर्माकर आंखें आंखों में झुकने लगी
जब कभी तन्हाई में तेरी याद ने सताया मुझे
बस मूंदकर आंखों को तेरी सूरत देखा किएबदले में दिल के हमारा भी दिल गया
खोया कुछ नहीं दिल का करार मिल गया
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https://youtu.be/k-OwZLuuSoA
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