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Wednesday, 30 December 2020

जवाब दो तो जानू - एक सवाल

एक सीमा नाम की लड़की ने एक ई-मेल पत्र का प्रिंटआउट दिखाते हुए पुलिस ऑफिसर से कहा कि सर मुझे अन्नी नाम के एक लड़के ने 14 फरवरी 1993 वैलेंटाइन-डे के दिन जिस समय दिल्ली स्थित स्कूल में मेरी इंग्लिश की क्लास चल रही थी, तब उसने मुझे भेजा था, और उसने मुझे जबरदस्ती प्रेम की धमकी दी। मैं उसके खिलाफ FIR दर्ज कराना चाहती हूं। तो क्या पुलिस ऑफिसर उसकी FIR दर्ज करेगा? 

कारण के साथ सही विकल्प का चयन करें।

A. उस दिन लड़की स्कूल नहीं आई थी
B. लड़की के पास सबूत फर्जी है
C. लड़की लड़के को फंसाना चाहती है
D. उपरोक्त सभी
 
करण बताओ .......................................

Tuesday, 29 December 2020

भीख या मदद ? | Child Beggar in India | इंसानियत को शर्मसार करती एक कहानी

कहानी

एक बच्चा सड़क के किनारे भीख मांग रहा था, और इस कहानी का लेखक चाय की दुकान पर बैठा उसे देख रहा था। लेखक के इस तरह लगातार देखने पर बच्चे की निग़ाह उस पर पड़ी, तो वह थोड़ा मुस्कुराता हुआ लेखक की ओर बढ़ा और कुछ ही दूरी पर आकर खड़ा हो गया। लेखक ने उसकी तरफ देखा और थोड़ा वह भी मुस्कुराया, तो इस पर बच्चे की थोड़ी हिम्मत बढ़ी और वह बोला- साब कुछ दो ना। इस पर लेखक ने पूछा! क्या खाओगे?

बच्चा   : कुछ नहीं साब! बस आप मुझे कुछ पैसे दे दो।

लेखक : क्यों? भूख नहीं है!

बच्चा   : है तो, लेकिन

लेखक : बोलो-बोलो क्या बात है?

बच्चा   : साब, मुझे दिन में एक ही वक़्त खाना खाने को कहा गया है।

लेखक : आश्चर्यचकित होते हुए! क्यों मम्मी खाना नहीं देती?

बच्चा   : नहीं, ऐसा नहीं है, सा...ब।

लेखक : तो फिर क्या बात है?

बच्चा   : वो......... कुछ नहीं साब

लेखक : घबराओ मत। बोलो!

बच्चा   : मेरे माता-पिता नहीं है, साब

लेखक : औह गॉड! फिर आप रहते किसके साथ हो?

बच्चा   : मेरे एक मुंह बोले अंकल है। वही मुझे अपने घर पर रखते हैं।

लेखक : उन्होंने आपको स्कूल नहीं भेजा क्या?

बच्चा   : मैं पढ़ता नहीं, साब

लेखक : क्यों! आपको पढ़ना पसंद नहीं है?

बच्चा   : ऐसी बात नहीं है साब। मेरे अंकल मुझसे कहते हैं कि- ‘पढ़ कर क्या करेगा?’ सीधा पैसा कमाना सीख और अगर मैं मना करता हूं, तो वे मुझे मारते हैं।

लेखक : ओह! वैसे आपके अंकल क्या करते हैं?

बच्चा   : कुछ नहीं! बस शराब पीते हैं।

लेखक : बेटा यदि आप ही कमाते हो तो उनसे बोलो कि- वे आपको दोनों टाइम खाना दिया करें।

बच्चा   : मै अगर सुबह के वक़्त खाना मांगता हूं तो अंकल कहते हैं कि- यदि तू दोनों वक़्त खाना खाएगा तो तेरा शरीर स्वस्थ रहेगा और तुझे कोई भीख भी नहीं देगा, तेरा कमज़ोर दिखना बहुत जरूरी है।

लेखक ने जब बच्चे के ऐसे शब्द सुने तो उसका दिल भर आया, और उसके मुंह से एक शब्द तक नहीं निकला।

इसी दौरान बात करते-करते लेखक ने जब अपने दाएं तरफ गौर से देखा तो महसूस किया कि एक व्यक्ति पिछले कुछ मिनट से हमारी तरफ देख रहा था। जब लड़के की भी निग़ाह उस पर पड़ी तो वह भी बहुत ज्यादा घबराने लगा और हड़बड़ाहट में वहां से भागने लगा।

लेखक ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन उसने तो पलट कर भी नहीं देखा। बच्चे के चले जाने के बाद दूर खड़ा व्यक्ति भी वहां से चला गया था।

कई दिन बीत जाने के बाद भी लेखक को इस बात का बहुत अफसोस है कि उस दिन वह उस छोटे अनाथ बच्चे की कोई मदद नहीं कर सका। यदि लेखक उसकी कुछ आर्थिक मदद कर भी देता तो क्या वो उसी के लिए होती? लेखक आज भी उस असमंजस में उलझ जाता है, जब कभी वो किस्सा उसे याद आ जाता है।

Saturday, 12 December 2020

उनकी शायरी | Unki Shayari | Best Sher ever from Diwan E Satyam




चल ले चल हाथ पकड़ कर मुझको दर खुदा के
काफि़र था मैं जो बेखुदी में सज़दा उसे किया

हर ख़्वाहिश मेरी दिल में ही पलती रही
हर रोज़ ज़िदगी भी बस उम्मीद पे चलती रही

मत पूछ मेरी दास्तां ए ग़म मुझसे
मैं बेवजह किसी के आंसू गिराना नहीं चाहता

कई शाम हमने चरागों को देखा है देर तक
कभी टिमटिमाते हुए कभी मुस्कुराते हुए

जिंदगी है कांटो की राह फूल भी मिल सकते हैं कहीं
चलता जा-चलता जा दिल में यही आश लिए

मालूम है घर की दहलीज़ उन्हें लेकिन
ज़िद पे अड़े हैं कोई उनको पुकार ले

कल रात तेरी याद ने कुछ इस कदर सताया
के आज सुबह हम देर तक सोए

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वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/cLf3GQPHEz8

Thursday, 10 December 2020

चार लाइन वाली शायरी | Chaar Line wali Shayari | Best Sher ever (Diwan E Satyam)




ए इलाही मुझपे इतना तो करम कर
ना दे सज़ा बेजुर्म बेबस पे रहम कर ।
फक़त प्यार में डूबा हूं कोई गुनाह नहीं
है नाम तेरा ही दूजा इतनी तो शरम कर ।।

नामुमकिन सपने झूठा उनका प्यार दिया
धोखा खाया जो उन पर ऐतबार किया ।
तू जानता था ए खुदा वो मेरी किस्मत में नहीं
फिर क्यों मजाक ऐसा मेरे साथ किया ।।

हवा को रुख मौसम को रंग बदलते देखा
चूर दिल को शोलें सा जलता देखा ।
गिर जाता है जो इक बार इश्क की राह में
नहीं फिर उसको 'सत्यं' सम्भलते देखा ।।

प्यार का एहसास खुद में विश्वास
दर्द दिल में क्यों उनका दिया ।
तू जानता था खुदा वो मेरी किस्मत में नहीं
फिर क्यों मज़ाक ऐसा मेरे साथ किया ।।

हर तरफ फिज़ा में तेरा नाम लिखा है
मेरे लिए मोहब्बत का पैगाम लिखा है ।
मिटा ना देना ये गुज़ारिश है दोस्त
मैंने दिल के हर कोने में तेरा नाम लिखा है ।।

हर तमन्ना मेरी मचलती है
बातें साया बनकर चलती है ।
सुलगता है दिल मेरा घनी ज़ोर से
जब तेरी यादों की हवा चलती है ।।

ए खुदा ये हसरत मेरी साकार तू कर दे
उनके दिल में मेरी तड़प का एहसास तू कर दे।
जल उठे उनका दिल भी याद में मेरी
इस कदर कोई करामात तू कर दे ।।

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वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/MU0Kf9DxwJk

Monday, 7 December 2020

Best Sher ever (Diwan E Satyam)




तेरी तस्वीर में और तुझमें इतना ही फ़र्क है
तू रूबरू होती है तो दो बात होती हैं

तुम सज़दा करो उसे लिहाज़ ना हो ग़र ये मुमकिन है
फिर कैसे किसी बुत को तुम खु़दा बनाते हो

फट चुका पन्ना ए ऐतबार किताबे-उल्फत से
टूट चुकी कलम जो किसी की शान में लिखती थी

गुजरा किए हम राह से यह ख़्वाहिश लेकर रोज़
आज तो किसी सूरत उनसे मुलाक़ात होगी

कुछ इस क़दर उलझा दराज़ मुसीबत 'सत्यं'
के लोग मुझें दीवाना समझ बैठें

तुम भी तोड़ दो दिल मेरा जाओ खुश रहो
दर्द में ही पला हूं अब एहसास नहीं होता

शायद मिल रही है सज़ा मुझे उस कुसूर की
तोड़ा था मैंने दिल एक बेबस ग़रीब का

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वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/OjK-0bptRac

Sunday, 6 December 2020

अंबेडकर साहब के परिनिर्वाण पे शायरी | Baba Sahab Ambedkar Ji ki Shayari




खुदगर्ज़ बड़े हैं लोग जो एहसान भूल गये
हर कौम की ख़ातिर दिया जो बलिदान भूल गए
आंधियों से गुज़ारिश है अपनी हद में रहें
बाबा साहब की क्या आंख लगी औकात भूल गए

वो शख़्स हमें सदियों की मिसाल दे गया
संविधान रचा और समता की मशाल दे गया
नींद से उठा था एक फ़रिश्ता तूफ़ान की तरह
और सारी बलाओं को अपने साथ ले गया

मेरी उस निशानी को तुम अपनी जान समझ लेना
हिफ़ाजत करना उसकी अपना ईमान समझ लेना
क्यों रोते हो मेरे बच्चों मैं गुज़रा नहीं अभी तक
ग़र संविधान ही बदल जाए तो मुझे बेजान समझ लेना

कुछ फ़रिश्ता कहते हैं कुछ मसीहा कहते हैं
यहां सब के अपने बड़प्पन हैं बड़प्पन में रहते हैं
छुपकर भी ना छुपने वाला वो सूरज ऐसा उगा
जिसको अदब से दुनिया वाले बाबा साहब कहते हैं

हर साज़िश को उसने दुश्मन की नाकाम कर दिया
जो भी आ गया पनाह में उसे माफ़ कर दिया
ना शमशीर, ना भीम ने उठाया ख़ंजर
बस इल्म की ताकत से सब इंसाफ़ कर दिया

तेरी नापाक साज़िश को, इरादे को समझ रखा है
बड़ी ग़लतफ़हमी में है जो हमें ख़ाक समझ रखा है
हमने ज़िगर में उतारी है तस्वीर 'बाबा साहब' की
यूं ही बातों में मिटा दोगे कोई मजाक समझ रखा है

मुद्दतों से हमारी उलझनों को साफ़ करते हैं
संविधान के हवाले से हर इंसाफ़ करते हैं
गुज़रे नहीं दुनिया से 'बाबा साहब' दोस्तों
वो तो आज भी हमारे दिलों पे राज करते हैं

दुनिया में कहीं ऐसा नजारा ना हुआ
बे-सहारों का कोई सहारा ना हुआ
यूं तो सूरमा हुए कईं कद्दावर दुनिया में
मेरे भीम जैसा धरती पे दोबारा ना हुआ

Tuesday, 1 December 2020

डॉ. अंबेडकर साहब के 15 नाम | 15 Names of Dr. Ambedkar

 जय भीम










सच्चा अंबेडकरवादी बाबा साहब के इन 15 नामों को आगे अवश्य शेयर करें|

बाबा साहब
संविधान निर्माता
राष्ट्र निर्माता
नारी मुक्तिदाता
महाबोधि सत्व
युग प्रवर्तक
महामानव
युगपुरुष
आजीवन विद्यार्थी
प्रकांड पंडित
कलम का बादशाह
एकता दाता
समता दाता
भारत भाग्य विधाता
ज्ञान का प्रतीक