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Showing posts from August, 2022

अंबेडकर और मगरमच्छ

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यह वास्तविक घटना दिल्ली के आर. के. पुरम गांव की है। गांव में एक व्यक्ति रहता था जो कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का बहुत बड़ा अनुयाई और भक्त था। वह सुबह सवेरे उठता तो सबसे पहले बाबा साहब की प्रतिमा को नमन करता था। दिन के किसी भी पहर जब भी वह किसी अन्य व्यक्ति से मिलता तो उसे "जय भीम" बोलकर सत्कार किया करता था। उसने बाबा साहब की अनेकों किताबों का अध्ययन कर बहुत बड़े पैमाने पर ज्ञान अर्जित किया था। बाबा साहब के विचार सदैव उसके मस्तिष्क पर छाए रहते थे। एक रात की बात है जब वह गहन निद्रा में सोया हुआ था तो उसने एक सपना देखा जिसमें उसने ख़ुद को एक तालाब के किनारे पाया। उसने जैसे ही तालाब के अंदर पानी पीने के लिए अपना एक पैर रखा तो वहां पहले से ही घात लगाएं बैठे एक मगरमच्छ ने उसका पैर अपने जबड़े में दबोच लिया और धीरे-धीरे पानी के अंदर खींचने लगा। अब वह बहुत ज्यादा घबरा गया, उसे कुछ नहीं सूझ रहा था। उसने अपना पैर छुड़ाने का बहुत प्रयास किया परंतु असमर्थ रहा। पीड़ा ज्यादा होने के कारण उसके मुंह से एक आवाज़़ निकली "हे! बाबा साहब मुझे बचाओ।" इतना कहते ही बाबा साहब हाथ मे...

भारत और भरत?

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कईं मिथक प्रमाणों के आधार पर हमें यह पढ़ाया जाता है कि हमारे देश भारत का नाम राजा सर्वदमन यानी भरत के नाम पर पड़ा। जहां वह पैदा हुए थे वह जगह अब अफगानिस्तान में है।  व्याकरणिक दृष्टि से देखा जाए तो भरत के नाम पर पड़ने के कारण तो इसका नाम भरतवर्त, भरतपुर, भरत नगरी, भरत विहार आदि होना चाहिए था। मुझे सचमुच बहुत आश्चर्य है कि कोई अपने नाम को क्यों विकृत होने देगा। "भ+र+त" नाम में वर्ण "भ" के साथ "भ+।" क्यों जोड़ देगा और इसे "भ+।+र+त" क्यों बना देगा। यह बात हर सिरे से अतार्किक लगती है। कुछ जातिगत लोग और धर्म के ठेकेदार आज भी ऐसे-ऐसे प्रयोग करते रहते हैं। मैं आपको एक उदाहरण के माध्यम से समझाता हूं- "हमारा देश भारत एक पुलिंग शब्द है" लेकिन फिर भी कुछ लोग इसे भारत माता क्यों कहते रहते हैं जो कि भाषाई व व्याकरणिक दृष्टि से त्रुटिपूर्ण है। यदि बात वास्तविकता की करें तो भारत देश का नाम यहां आदिकाल से रहने वाली एक कबीलाई अनुसूचित जनजाति के नाम पर पड़ा है। "इस कबीलाई जाति का नाम ही भारत था। कुछ जालसाज लोगों ने भारत की संस्कृति को समाप्त के लिए ...