मेरे जाने के बाद | Mere jane ke baad (Ghazal)
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ये रास्ते, ये फ़िज़ाएं, यहीं रह जाएंगे, कल के लिए और रह जाएंगी मेरी यादें, मेरे जाने के बाद हमें कमसिनी में घर से निकाला गया था, बे-कसूर मेरे वालिद ने ये बताया था, जी भर आने के बाद तुम्हें आंख भरके कोई ना देखेगा, ज़माने में बहुत रुलाएंगी कुछ बातें, मां-बाप गुजर जाने के बाद अब वो बद-मिज़ाज बर्दाश्त की हद से गुजरने लगा आ गया है यह सलीक़ा उसे, बेटी घर आ जाने के बाद मैंने भी अब अपने दिल को, पत्थर का कर लिया मयख़ाना चला जाता हूं, उसकी याद आ जाने के बाद मैं अक्सर सोचता हूं, कोई ग़ज़ल अपने हालत पे लिखूं मोहब्बत ही लिख जाता है, कलम हाथ में आ जाने के बाद यह जो गुरूर है मेरा, तेरी बेरुख़ी पे टिका है उतर जाता है नशे-सा, मोहब्बत से बुला लेने के बाद उलझ-उलझ-सी गई ज़िन्दगी, सबको अपना कहते-कहते आसान बनाया है इसे, सबको औकात पे लाने के बाद पुरानी ईट सही हम के बे-कद्री से ना फेंक हमें ही अलग कर रहे हो, हमसे सर छुपाने के बाद --------------------------------------- देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें