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Wednesday, 26 August 2020

शायरी ज़रा हटके | Shayari Zara Hatke












मैंने हर सहर सैर सहरा-ए-शहर में की
ये सोचकर वो इक दिन रू-ब-रू होंगे

आंखें आंखों-आंखों में आंखों से मिलने लगी
आंखों से शर्माकर आंखें आंखों में झुकने लगी

जब कभी तन्हाई में तेरी याद ने सताया मुझे
बस मूंदकर आंखों को तेरी सूरत देखा किए

बदले में दिल के हमारा भी दिल गया
खोया कुछ नहीं दिल का करार मिल गया

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वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/k-OwZLuuSoA

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