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Saturday, 29 August 2020

शायरी जो दिल छू ले | Shayari Jo Dil Chhoo Le




वो देते हैं नसीहत मोड लो कदम दर्दनांक राहे-उल्फ़त से
दलील जाहिर करती हैं तजुर्बा यूं ही नहीं बनता

देख कर साज़िश मेरे जिस्मो-ईमान की
होठ चुपचाप सहते रहे आंखों को गवारा ना हुआ

हमने चरागों को तालीम कुछ ऐसी दे रखी थी
के घर जल गए दुश्मन के इल्ज़ाम भी हवाओं पे गया

रौनक ना देखिए मेरी सूरत की ए जनाब
मेरे ग़म को छुपाने का राज़़ है ये

मत पूछ मेरी दास्तां-ए-ग़़म मुझसे
मैं बेवजह किसी के आंसू गिराना नहीं चाहता

झूठ नहीं कहता कईं मोहब्बत मैंने की
हासिल की उम्मीद ना रखी बस दिल तक ही रही

मैंने फिराई थी यूं ही रेत में उंगलियां
ग़ौर से देखा तो तेरा अक्स बन गया

कमबख्त़ रात को भी चिढ़ तुझसे हो गई
बैठू जो सोचने ढ़ल जाती है तावली

मुक़द्दर ही मेरा खराब है शायद
वरना खुशनसीब वो हैं जो उनके करीब हैं

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वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/6Zo9A-DKFDQ

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