उम्मीद ना कर... | ग़ज़ल Hindi/Urdu


ग़म से उजड़ा है दिल मेरा
तू खुशी की, उम्मीद ना कर
अश्क ही तेरे दामन में आएंगे
तू मुझको चुराने की, उम्मीद ना कर

खुद से बोझिल पत्थर हूं
मुझको हिलाने की, उम्मीद ना कर
वीरानियां दिल में है घर कर गई
अब हंसी की, उम्मीद ना कर

मंजिल से भटका राही हूं
मुझसे सहारे की, उम्मीद ना कर
जाने किस ठिकाने पर हो बसेरा
मुझसे पनाह की, उम्मीद ना कर

जिससे दिल लगाया बेवफ़ाई मिली
मुझसे वफ़ा की, उम्मीद ना कर
जाने कब ज़ुबां से फिर जाऊं
तू इखि्यार की, उम्मीद ना कर

फ़क्त थोड़ी सी है ज़िंदगी मेरी,
लंबी मुलाकात की, उम्मीद ना कर
क्या पता कब दम निकले
मेरी सांसे चलने की, उम्मीद ना कर

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वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/4QQgnxoaPuU


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