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Showing posts from 2021

भुला नहीं सका जिसे - कविता

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मैंने देखा था उसे भुला नहीं सका जिसे। नैंनों से क्षणभर भी औझल नहीं किया जिसे।। मुझें अच्छी तरह याद है, वो दिन का पहर घन थे गगन मे उमड़े, शीतल थी दोपहर। मनमोहक, आकर्षक वातावरण था और मंद गति में वायु लहरत-लहर मैंने देखा था उसे --------------------------- उसे देखा था एक यात्रा पर लकडियाँ काटते हुएँ शांत, सरल-स्वभाव सहित कार्यरत होते हुए। मुख-मंडल पर ओज धरे, लीन थी कर्म कर्त्तव्य समझते हुए।। मैंने देखा था उसे --------------------------- प्रसन्नचित आँखें, आकर्षण परिपूर्ण युवा अवस्था में प्रवेश पाया था। सावल तन में योग्यता थी और यौवन सिर मंडराया था।। मैंने देखा था उसे --------------------------- आकर्षक रूप किंतु संस्कार का पहरा था आँखें सुंदर, रंग झील-सा गहरा था। ना कर सका उसकी समानता किसी से व्यर्थ संसार यह सारा था। मैंने देखा था उसे ---------------------------  मैं एक वृक्ष की छाँव से उसे निहार रहा था देखा मुझे तो स्वयं में सिमटने लगी। नैंन झुकाएं, दृष्टि बचाई तदोप्तरांत कार्य करने लगी।। मैंने देखा था उसे --------------------------- आज भी स्वप्न में, मैं देखता हूँ उसे मेरे पहले प्रेम न...

अधूरा जहां | Adhura Jahan

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चलो मुकम्मल फिर से जहां अपना करें बिछड़े हुए हैं बरसों से आओ सुलह करें आओ करें यह वादा एक बार फिर से हम एक-दूसरे से फिर कभी ना धोखा करें जब प्यार मेरे दिल में है, तेरी आंखों में भी क्यों देख-देख एक-दूसरे को आहे भरे हरपल जुदाई में गुजरा, दो पल दामन में है खोना नहीं तकरार में, आओ प्यार ही प्यार करें वक्त जो आने वाला है बहोत मुश्किल होगा चलो मुश्किलों के साथ लड़ने का इरादा करें चलो मुकम्मल फिर से... ____________________________ वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें : https://www.youtube.com/watch?v=tkh7eo8ADm8

बदलता मौसम - Nazm

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कहीं अर्थी पे मातम है, कहीं डोली पे बहार आई कहीं अश्कों का मौसम है, कहीं खुदग़र्जी नज़र आई कहीं चौखट पे पाबंदी, कहीं जलसें में बहार आई कहीं एहतियात फ़रमाई, कहीं जमात फ़रमाई कहीं दूरियों का मौसम, कहीं जमघट पे हवा आई किसी की हयात ना रही, किसी ने कर दी बेहयाई कहीं दहशत का आलम है, कहीं वहशत है छाई कहीं पे झूठ फैलाया, कहीं लाशें बिछाई ____________________________ वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें : https://www.youtube.com/watch?v=FdQ8bsuoUwk&t=2s

खामोश हसरत | Khamosh Hasrat | Anil Satyam

बरसों के बाद उनकी सूरत जो देख ली बेबात रो पड़े हैं एक भूली सी याद पे दिल्लगी की थी हमने वो मुस्कुराएंगे वो रूठ ही जा बैठे इस छोटी-सी बात पे ज़्यादती हमारे साथ आशिकी में हो गई दिल को जो हमने रख दिया नादां के हाथ पे कभी भूलने भी ना देता है उनका ख़याल मुझको वो रूठना-मनजाना उनका बात-बात पे कोशिश मेरी सब बेकार ही रही भूल पाने की यादें उनकी बढ़ती चली जब हर सांस पे वो एक दफ़ा तो कहते तुमसे प्यार है हम हद से गुजर जाते इतनी-सी बात पे मैं भी जुदा उससे वो भी जुदा-जुदा एक-दूसरे से हो गए जुदा, जुदा-सी बात पे ____________________________ वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें : https://www.youtube.com/watch?v=6p8Lz8Q-bqw

दीदार ए बेवफा | Deedar E Bewafa | Anil Satyam

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जचता नहीं आंखों को किसी और का दीदार अपनी नज़र में जब से तेरी मूरत उतार दी गैरों पे ना आ जाए मेरा दिल तेरा आशिक किसी हंसीं को देखने की तमन्ना ही मार दी कितना तुम्हें चाहते हैं उन हसीनों से पूछो रो-रो के मेरी याद में जिन्होंने जिंदगी गुजार दी तक़ाज़ा किसी खुदगर्ज़ ने हमसे ऐसा किया अपनी खुशी भी हमने तो गैरों पे वार दी जब रो दिए वो आके मेरी नज़रों के सामने के ख़ुद को मिटा चले उनकी जिंदगी संवार दी समझा था जिसको एक रोज़ हमनशीं उसी ने छुरी धोखे से दिल में उतार दी उस बेवफ़ा को बख़्शा तहे-दिल से फ़ज़ल हमने पर इज़्ज़त उसकी उसी की नज़रों में उतार दी मिसाल मोहब्बत की हम तो क़ायम कर चले 'सत्यं' पर क्यों धड़कते दिल की किसी ने दुनिया उजाड़ दी ____________________________ वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें : https://www.youtube.com/watch?v=-p9QKsZLSGs https://drive.google.com/file/d/17hAYayWGjf5zv2rDfBoG9ehr8hTngLBq/view?usp=drivesdk