तुम भी मुझको याद करोगी - कविता (मुकम्मल)




बेशक आज तुम मुंह मोड़ो, अपना मिलने की फ़रियाद करोगी
दिल में बसा हुआ है प्यार तुम्हारा, एक दिन यह स्वीकार करोगी

जिस तरह पल-पल मैं मरता हूँ, तुम भी मेरा इंतजार करोगी
सूरत मेरी ना देख सकोगी, रो-रो कर बस बुरा हाल करोगी

प्यार को मेरे समझोगी जिस दिन, हाज़िर खुद अपनी जान करोगी
खुद ही खुद में मर जाओगी, जिस दिन मुझे एहसास करोगी

जब तड़प बेचैन करेगी, दीदार मेरा कई बार करोगी
पलभर भी जुदाई ना भाएगी तुमको, आँखों में बसाकर प्यार करोगी

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