अंजान मुहब्बत (एक दिलचस्प कहानी)

एक लड़का जो कि एक लड़की से अत्याधिक प्रेम करता था मग़र कभी भी उसके सामने कह नहीं पाया। उसके लिए एक मात्र सहारा थी वो, खुद से भी ज्यादा उसे प्रेम करता था। लड़की उससे हमेशा ही उससे दूरी करती और नज़रे झुकाकर बेरूख़ी करती थी। जिसे वह सहन नहीं कर पाता था और खुद को धिक्कारता था। वह लड़की को अपनी बेबसी समझता था और जानते हुए कि वह शायद कभी भी उसे पा नहीं सकेगा तो भी उसे बेइंतहां प्रेम करता था।

एक दिन अचानक उस लड़के को ख़बर मिलती है कि उस लड़की की सड़क पार करते समय एक गाड़ी से दुर्घटना हो गई है और वह अस्पताल में भर्ती है।

वह ख़बर सुनते ही चौंक पड़ा और निर्देशित अस्पताल के लिए दौड़ता है। अस्पताल पहुंचकर वह देखता है कि लड़की मूर्छित दशा में बिस्तर पर लेटी हुई है। वह डॉक्टर की आज्ञा से उसके कमरे में प्रवेश करता है और तो पाता है कि दुर्घटना में उसका दाईं तरफ से चेहरा काफि बुरी तरह से जख्मी हो गया है। उसे यह देखकर काफि दुख होता है मानो उसकी जान ही निकल गयी। लेकिन वह यह सब देखकर स्वयं को नहीं बदलता और कल के जैसी ही उसे प्रेम करता है और अस्पताल से चला जाता है। अब वह लड़की का ठीक होने तक बेक़रारी से इंतेज़ार करता है और फिर 2 महीने 12 दिन पश्चात वह उससे मिलता है। लेकिन लड़की उससे मिलना नहीं चाहती फिर भी आज वह सारे पहरे तोड़कर उससे मिल ही जाता है और कहता है ‘मैं आज भी आप से उतना ही प्रेम करता हूँ जितना कि कल करता था’ क्योंकि हृदय से उत्पन्न हुआ प्रेम कभी भी बदला नहीं करता। आज अग़र मैं आपको इस हाल में छोड़ जाऊँ तो ये मेरे कल के सच्चे प्रेम की तौहीन होगी। और फिर कहता है कि ‘मैं आपको अपनी जि़ंदगी में लाना चाहता हूँ’। अब लड़की अपनी चुप्पी तोड़ती है और समझाते हुए कहती है कि ‘तुम कोई दूसरी लड़की देखकर अपनी नई व अच्छी जि़ंदगी की शुरूआत करो क्योंकि अब मैं तुम्हारे क़ाबिल नहीं रही और मैं जानते हुए तुम्हारी जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकती क्योंकि कल तक मैं भी तुमसे अत्याधिक प्रेम करती थी लेकिन समाज व खुद से डरती थी कि कहीं मैं स्वयं को न संभाल पाऊं और बहुत आगे निकल जाऊ’।

लड़की के ऐसे शब्द सुनकर लड़का बहुत खुश होता है और सोचता है कि जिसे मैं इतना दूर समझता रहा वो मेरे दिल के कितने करीब थी और उसे लगा कि आज जैसे उसने सब कुछ पा लिया। उसकी आँखें नम हो गई, मानो उसकी सारी उम्मीदें व चाहते पूरी हो गईं।

तो इस पर वह लड़का कहता है कि ‘अग़र आप सचमुच मेरी जि़ंदगी बर्बाद नही करना चाहती तो मेरी जि़ंदगी में आ जाओ’। लड़की की आँखें आँसुओं से तर हो गईं। और फिर दोनों की रज़ामंदी से 1 वर्ष 2 महीने पश्चात उनकी शादी हो गई।


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