Followers
Tuesday, 1 September 2020
तू ही बता क्या यार कहूं? - कविता
हंसती कली या कोई परी
फूलों की महक या प्यार कहूं
हर शब्द मुझे छोटा सा लगा
अब तू ही बता क्या यार कहूं
और भी बहुत से चेहरों को देखा
क्या तुम्हें ही सारा संसार कहूं
हर तरफ नज़र आती हो मुझे
उड़ती हवा या बहार कहूं
खुशी की तरह बसी हो मन में
क्यों खुद को फिर मैं उदास हूं
तुम्हें देखकर खुश होता है दिल
क्या मन में बसा विश्वास कहूं?
नित-दिन मेरे मन-आंगन में आती हो
तुम्हें स्वप्न या सलोना सा अहसास कहूं
बढ़ती जाती हो पल-पल जो
क्या इन आंखों की प्यास कहूं
नाराज ना हो जाना मुझसे
तुम कहो तो मैं एक बात कहूं
खूबसूरत बहुत हो बातों से
रंग-रूप में बस इंसान कहूं
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment