नामुमकिन है आसान नहीं







मिले प्यार तुम्हारा जीवन में
कोई इसके सिवा अरमान नहीं
तुम्हें भूल जाना मेरी प्रिय
नामुमकिन है, आसान नहीं

तुमसे जुदा हुआ जब से
मेरी रही जान में जान नहीं
एक तेरी कमी से बरसों से
मेरे होठों पर मुस्कान नहीं

मैंने देखा जंमाने को दूर तलक
कोई तुम-सा मिला इंसान नहीं
मुझे जीना सिखाया पल-पल को
क्यों कह दूं तुम्हें भगवान नहीं

तू देख ले आकर मेरे सनम
बिन तेरे, मेरी पहचान नहीं
तुझसे बिछड़कर जीना जैसे 
बेबसी है मेरी, अरमान नहीं

Comments

Popular posts from this blog

मेरे जाने के बाद | Mere jane ke baad (Ghazal)

तेरे जाने के बाद (नज़्म) Nazm

अंबेडकर और मगरमच्छ