दो पहलु का मौसम | Do Pahlu Ka Mausam - नज़्म/Nazm




यह दस्तूर है कुदरत का, एक सिक्के के दो पहलू
कहीं जान देती है गोली, कहीं जान लेती है गोली

ऐसा नहीं, हर वक़्त हमारी किस्मत साथ दे
कहीं बात बनाती है बोली, कहीं बात बिगाड़ती है बोली

बंद आंखों से, नक़ाबी दुनिया का भरोसा ना करो
कहीं राज़दार हैं हमजोली, कहीं गद्दार है हमजोली

इन दिनों, दुनिया का अजब रिवाज़ है
कहीं बहन है मुंह बोली, कहीं बीवी है मुंह बोली

अब तो खुदा से भी, मंगतो को डर नहीं लगता
कहीं इंसाफ़ की है झोली, कहीं पाप की है झोली

मौसम बदल चुके 'सत्यं', बेफ़िक्र ना मिला करो
कहीं आराम है कोली, कहीं बदनाम है कोली

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वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/kdSpR3uzQR8

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