ऐसा काम न कर - ग़ज़ल











आगाज तो कर रास्ता-ए-मंजिल पे
किसी का साथ आने का इंतजार ना कर

ना रास्ते में सता सके आंच यादों की
बेइन्तहां तू किसी से प्यार ना कर

किसी भी मोड़ पे तेरे काम आ सकता है
किसी शख्स से भरी दुनिया में तकरार ना कर

तू याद आए तो मुंह से बद-दुआ निकले
इस जहां में अदा ऐसा किरदार ना कर

इक दिन बुला लेता है खुदा सबको पास
उनके दूर चले जाने का गुबार ना कर

होती है वैसे तो सच्चाई बहुत कड़वी
कुबूल करने से इसको इंकार ना कर

तू हो जाए बेबस उनके करीब जाने को
अपने दिल को इस कदर बेकरार ना कर

तेरे नसीब में होगी तो मिल ही जाएगी
उनकी मोहब्बत से खुद को बेजार ना कर

करके जफ़ा, वफा के बदले
अपनी नज़़र में खुद को शर्मसार ना कर

खुदा भी जिसे ना माफ कर सके
खता ऐसी 'सत्यं' हर बार ना कर

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वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://youtu.be/Zzlep7C0bpw

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