बिछड़ा था तुमसे जहां उसी मोड़ पे खड़ा हूं
कैसे चलूं तेरे बगैर, मैं परेशां बड़ा हूं
जहां नज़र को चुराया था तूने मेरी नज़र से
बचाया था दामन ज़माने के डर से
मैं उसी मोड़ पे निग़ाहें गाड़े खड़ा हूं
कैसे चलूं तेरे बगैर, मैं परेशां बड़ा हूं
ख्वाहिश भी ना रही कोई तेरे बगै़र
दिल बोझिल रहता है शामो-सहर
कैसे चलूं तेरे बगैर, मैं परेशां बड़ा हूं
ख्वाहिश भी ना रही कोई तेरे बगै़र
दिल बोझिल रहता है शामो-सहर
मैं आज भी अपने वादों पे अड़ा हूं
कैसे चलूं तेरे बगैर, मैं परेशां बड़ा हूं
आंखें भी थकने लगी राह में तेरी
मोहब्बत चाहती हैं अब पनाह तेरी
आओगी इसी तमन्ना के सहारे खड़ा हूं
कैसे चलूं तेरे बगैर, मैं परेशान बड़ा हूं
शक है तुम मगरूर हो गए, दिल गवाही नहीं देता
ज़ालिम कहता है बेवफ़ा का दर्जा नहीं देता
तेरी सारी गलतियां भुलाए खड़ा हूं
कैसे चलूं तेरे बगैर, मैं परेशां बड़ा हूं
कैसे चलूं तेरे बगैर, मैं परेशां बड़ा हूं
आंखें भी थकने लगी राह में तेरी
मोहब्बत चाहती हैं अब पनाह तेरी
आओगी इसी तमन्ना के सहारे खड़ा हूं
कैसे चलूं तेरे बगैर, मैं परेशान बड़ा हूं
शक है तुम मगरूर हो गए, दिल गवाही नहीं देता
ज़ालिम कहता है बेवफ़ा का दर्जा नहीं देता
तेरी सारी गलतियां भुलाए खड़ा हूं
कैसे चलूं तेरे बगैर, मैं परेशां बड़ा हूं
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https://youtu.be/RBNP8Gk33NU
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